Tuesday, October 4, 2016

होगा नशा जो तैयार, ये सोशल साइट्स हैं यार..


प्रेम पुजारी का गीत..शोखियों में घोला जाये..जरूर याद होगा..देवानंद पर फिल्माया गया ये गीत एवरग्रीन है, जिनती बार सुनो, उतना ही अच्छा है. इसकी अगली लाइन होगा, जो नशा तैयार..आज हम जिस दौर में जी रहे हैं, उसमें सोशल साइट्स नशे के रूप में सामने आयी हैं. कुछ देर के लिए नेट चला जाये, तो कई लोग परेशान होने लगते हैं.
हमारे एक फेसबुक फ्रेंड हैं. उनके स्टेटस पर हमेशा दिखता है कि वो एक मिनट पहले ऑनलाइन थे. कुछ समय पहले उनसे दोस्ती हुई, तो बात होने लगी. एक दिन कहने लगे कि टाइम खराब होता है, हम कुछ दिन की छुट्टी सोशल साइट्स से ले रहे हैं. इसके बाद उनका एकाउंट डिलीट हो गया. हम परेशान होने लगे कि आखिर क्या हुआ. कहते हुये अचानक एकाउंट का डिलीट हो जाना, कोई अनहोनी तो नहीं हुई. दो दिन बाद फोन पर बात हुई, तो कहने लगे कि ब्रेक के लिए ऐसा किया है, मन होगा, तो आइडी को फिर से एक्टिव कर लूंगा. अगले दिन ही वो फिर से फेसबुक पर आ गये, अब जाने का नाम नहीं लेते हैं, बल्कि नई-नई जगह खोजते हैं, जहां से फोटो खिचवा कर फेसबुक पर डालें. बीच-बीच में ज्ञान भी उड़ेलते रहते हैं.

No comments: