Monday, August 2, 2010

राज ठाकरे का नया ड्रामा...?

राज ठाकरे वही देखते हैं.जिसे वो देखना चाहते हैं.या फिर जिसे राजनीति उन्हें देखने के लिए कहती है.चाहे वो सौ फीसदी गलत क्यों नहीं हो. ऐसा ही राज ठाकरे के नए बयान से लगता है. जिसमें एक बार फिर उन्होंने उत्तर भारतीयों को निशाना बनाया है. राज ठाकरे का कहना है कि मुंबई के गंदगी उत्तर भारतीयों की वजह से है और इसी वजह से फैल रहा है डेंगू और मलेरिया.
लेकिन राज को अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए. कि मुंबई के विकास में कितना योगदान उत्तर भारतीयों का है. योगदान के बाद भी उत्तर भारतीय किस स्थिति में मुंबई में हैं. क्या कभी राज ने राजनीति से ऊपर उठकर ऐसा करने क्या. सोचने तक की कोशिश की है. अगर की होती. तो शादय उनकी स्थिति राजनीति में इस जो है. उससे कहीं ज्यादा अच्छी है. राज ठाकरे शिवसेना से अलग हो गए हैं और अलग पार्टी के रूप में पहचाने जाते हैं. लेकिन उनकी मानसिकता अब भी शिवसेना वाली है. शिवसेना की बी टीम लगती है राजठाकरे की पार्टी. क्या इससे राज ठाकरे उस स्थिति को प्राप्त कर सकेंगे. जिसको लक्ष्य बनाकर वो राजनीति में उतरे हैं. क्या वो कभी महाराष्ट्र के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व कर सकेंगे. अपनी हरकतों से भले ही वो किसी को भी झुकने को मजबूर कर दें. लेकिन ये ज्यादा दिन चलनेवाला नहीं है.
क्योंकि राज ठाकरे को ये बात याद होनी चाहिए. कि नफरत दिखाकर किसी को नहीं जीता जा सकता है. जीतने के लिए तो प्यार की जरूरत होती है. जिसे अपने दिल में पैदा करना सबसे जरूरी है. अगर राज ठाकरे घिनौनी राजनीति छोड़कर करते हैं. तो इससे महाराष्ट्र का भला तो होगा ही. देश का भी भला होगा और सभी आगे बढ़ सकेंगे भाईचारे के साथ. महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों को दोहरी जिगंदी नहीं जीनी पड़ेगी. तब राज ठाकरे अपनी उस राजनीतिक मुकाम तक शायद पहुंच पाएंगे. जिसको लेकर उन्होंने महाराष्ट्र नव निर्माण सेना का निर्माण किया है. क्योंकि अभी तक महाराष्ट्र में जो भी नया निर्माण हुआ है. उसमें महाराष्ट्र के लोगों का हाथ तो है ही. साथ ही उन लोगों का हाथ भी है. जो बाहर से आकर महाराष्ट्र में रच बस गए हैं. या यूं कहें कि बाहर से आए लोगों का महाराष्ट्र के निर्माण में ज्यादा योगदान रहा है.

1 comment:

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

ऎसे नौटंकीबाजों को भाव देना भी इनको एक तरह से विज्ञापित करना ही है...ये लोग इस लायक नहीं कि इनका जिक्र भी किया जाए....