Friday, August 6, 2010

कलमाड़ी जी कैसे कराएं जांच...?

कलमाड़ी को कॉमनवेल्थ खेल की चिंता है और वो इसे सफलतापूर्वक सम्मन्न कराना चाहते हैं. इसलिए अपनी कुर्सी से चिपके रहना चाहते हैं. साथ ही कलमाड़ी भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की बात भी कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कर रहे हैं. लेकिन ये कैसे हो सकता है. कलमाड़ी के पद पर बने रहते जांच कैसे हो सकती है. क्योंकि कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारियों में जो तीन का तेरह हुआ है. वो क्या कलमाड़ी की नजर में नहीं था. क्या अध्यक्ष होने के नाते उनका ये फर्ज नहीं बनता था कि जो पैसा खर्च हो रहा है. उसका हिसाब क्या है. क्यों बाजार में जो चीज कुछ हजार में रही है. उसके लिए कमेटी लाखों रुपए खर्च करने को तैयार है.
जो ट्रेडमिल बाजार में तीन लाख में मिल रही है. उसके लिए लगभग दस लाख किराया दिए जाने की तैयारी कैसे हो रही है. कोषाध्यक्ष जैसे पद पर बैठे व्यक्ति के बेटे को कैसे कांट्रेक्ट दिया जा रहा है और वो भी उस फर्म को जिस पर पहले से ही दाग है. उस एजेंसी को मोटा कमीशन देने की तैयारी क्यों की गई. जो पिछले दो साल में एक भी प्रायोजक नहीं जुटा पाई है. भला हो कांग्रेस के सांसद मणिशंकर अय्यर का और उस मीडिया को जिसने पूरा मामला उजागर किया.
कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले उजागर हुए इन मामलों से आम आमदी जिसके खून पसीने का पैसा है. कुछ तो लुटने से बच रहा है. अभी कहां-कहां और कितना बड़ा धांधली का मामला है इसकी तो अभी परत दर परत खुलने लगी है. अभी तो और भी कई बड़े खुलासे लगता है कि आनेवाले दिनों में होते रहेंगे. नौ की जगह नब्बे खर्च करके क्या देश की साख बढ़ाई जा सकती है. घटिया सुविधाएं देकर क्या देश का नाम रोशन किया जा सकता है.
वर्ल्ड क्लास सुविधा देने की बात हो रही है. लेकिन जिस तहह की तैयारियां हो रही है. जिस तरह से छत से पानी टकप रहा है. काम आधे-अधूरे पड़े हैं. वैसे में देश का सम्मान कैसे बच सकता है. कैसे कलमाड़ी साहब कह रहे हैं कि उनकी पहली प्राथमिकता कॉमनवेल्थ गेम्स है. और उन्हें वो सफलता पूर्वक सम्पन्न कराएंगे.
ये वही कलमाड़ी साहब है जो पंद्रह दिन पहले तक कह रहे थे. कि कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारियों में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं है. लेकिन जब परतें खुलने लगी. तो कार्रवाई भी शुरू हो गई. हालांकि कार्रवाई केवल साख बचाने जैसी लगती है. लेकिन क्या इससे इससे कॉमनवेल्थ गेम के आयोजन समिति की साख बचेगी...?

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